औजार और हथियार | Tools and weapons
औजार और हथियार
प्राचीन काल में जब मानव जंगल में रहते थे तभी उन्होंने जानवर को मारने के लिए तरह-तरह के औजार और हथियार बनाना शुरू कर दिया। तभी से मानवता के ऊपर खतरे की घंटी बज गई तभी से मानव भी दानव बनकर मनुष्य को हत्या करना शुरू कर दिया |
जैसे जैसे मानव का विकास हुआ वैसे वैसे हथियार और औजार भी बनता चला गया। जब मानव और विकास हुआ वे अपना घर बनाने के लिए खेती करने के लिए और जंगली जानवर से रक्षा के लिए हथियार औजार बनाया और इस तरह सेवर धीरे-धीरे खनिज पदार्थ खोज निकाला और फिर लोहे जैसे खनिज मिल जाने से लोहे के औजार हथियार बनाए और समाज की रचना हुआ। सबसे पहले नाव का आविष्कार हुआ होगा तभी तो नदी के किनारे ही समाज या गांव के बसावट हुआ होगा। जब वेज सबसे पहले भैया का आविष्कार किया था तभी से उनका विकास का मार्ग आगे बड़ा और बैल जैसा जंगली जानवर को पकड़कर खेती करना शुरू किया और सामान ढोने के लिए बैलो को को पालतू बनाकर बैलगाड़ी बना दिया। आज तो बहुत पहले ही मिल गई थी। इस तरह से हमेशा कुछ नया करने को ठानी और नया नया अविष्कार होना शुरू हुआ और समाज का विकास होना भी शुरू हुआ उन्हीं में से कुछ ताकत पर और होशियार लोगों ने अपना-अपना इस पृथ्वी पर साम्राज्य स्थापना कर डाला इस तरह से विकास की लहर दौड़ पड़ी और एक राज्य से दूसरे राज्य व्यापार भी शुरू हो गया। कालांतर में आज वही औजार और हथियार इतना विकसित हो गया है की किसी भी पल इस दुनिया का नाश होने में समय नहीं लगेगा सभी देश आज के युग में एक दूसरे को डर दिखाने के लिए सिर्फ हथियार और आधार पर ही सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
भगवान इन सभी देशों को सद्बुद्धि दें ताकि सभी देश एक दूसरे से मैत्री पूर्वक रहकर मानवता की रक्षा करते हुए विकास के लिए काम करें। कुछ देर ऐसे भी हैं। जिनके अभाव भूखा मर रहा है। गरीबी के कारण लोगों में जिंदा रहना मुश्किल हो गया है तभी भी वह देश बारूद जमा करने में लगा है और दूसरे देश से लड़ने पर आतुर है।
अगर वह देश और धार हथियार से डर कर अपने देशवासियों पर ध्यान दे तो और गति से विकास होगा । हजार हथियार ही मानव जाति का शत्रु है । मानवता की रक्षा के लिए इस तरह के औजार हथियार पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि मानवता की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
Post A Comment:
0 comments: