बात बेबात | Talking about
बात बेबात | Baat Bebaat
एक गांव में एक किसान परिवार रहता था। उस किसान परिवार का मुखिया का नाम रामू था। रामू के दो बेटे थे। उनके घर की महिला और पुरुष खेत में सुबह से शाम तक काम करते थे। बड़े लड़के का नाम बसंत था। वह थोड़ा मंदबुद्धि था। दूसरे लड़के का नाम बिट्टू था। वह थोड़ा बुद्धिमान था। वह लोग खेती किसानी कर काफी खुशहाल थे।बसंत की मां थोड़ी बुढ़ापे की तरफ चल पड़ी थी। उसने रामू को कहा अब बसंत को कोई अच्छी लड़की देखकर शादी करवा दो जो घर परिवार को संभाले। फिर रामू ने अपने पड़ोस के गांव में जाकर अपनी बिरादरी के एक लड़की से बसंत की शादी तय कर दी। उस लड़की का नाम अंजलि था। उनदोनों की शादी हो गई। शादी होने के बाद उनका परिवार और खुशहाल हो गया। उनकी बहू घर का काम संभालती थी और बाकी लोग खेती किसानी संभालते थे। जब दोपहर में वह लोग काम करके आते तो बहू उन्हें अच्छे-अच्छे व्यंजन बना कर खिलाती। कुछ दिन बाद बसंत को एक पुत्र प्राप्त हुआ। अंजलि अपने बच्चे पर काफी ध्यान देने लगी।
एक दिन बसंत को काम करते-करते बहुत जोर से भूख प्यास लगा। वह काम छोड़ कर घर खाना खाने के लिए आया। उसने अंजलि से कहा “हमरा के खाना दे दिऊ”|अंजलि बोली “हम अभी मैं अभी बबूआ को दूध पियाबी छि”।बसंत को भूख बर्दाश्त नहीं हुआ वह रसोई घर में गया और जो बासी खाना रखा हुआ था उसे लेकर खाने लगा। वह खाना खराब हो चुका था। वह गुस्से से लाल बबूला हो गया था। फिर वह अंजलि पर चिल्लाया वह हंस पड़ी, और बोली "हम तो इ खाना के फेके के लेल रहली ह अभी के लेल खाना उधर रखल हे" । बसंत तड़पता हुआ खेत की तरफ भागा और अपनी मां को अपनी आपबीती सुनाया।बसंत कि माँ घर पर आती है | और अंजलि जो उनकी बहु है उसे कहती है बुआ के कहना कहे न दे देह्लू ह कहे लगी बोकडा गुस्सा करले ह | यह सुनकर बहु बोली ह त बौउआ के दूध पियाबत रहली ह ब़ुआ त हमरा के छोर्बे न रहलक ह | हम कहली तनी दम ध ली हम ब़उआ के दूध पिला के सुता दी छि तब हम आहा के खाना देबी छि इतने सुनके बसंत का गुस्सा में गईल और बासी खाना कुत्ता ला रखले रहली ह उ खाना सुरु कर डेली ह ई में हमर कोई कशुर न है|
यह सुनकर बसंत कि माँ सांत हो गई और सोचने लगी यह तो कोई बात न रह गेल ह |फिर कुछ दिन बाद बसंत को फिर खाने के समय पंहुचा | उसने अंजली से कहा जल्दी से खाना परोश दो मुझे बहुत तेज़ भूख लगी है और जल्दी से खेत पर भी जाना है | उस समय अंजली का नन्हा सा बेटा पैखाना कर दिया था और अंजली उसे लेकर पैखान करा रही थी | तभी अंजली ने बोला बबुआ हगले है अपने खा लू |यह बात सुनकर फिर से वह से क्रोधित हो कर वापस खेत पर चला गया जब वह माँ , बाप और भाई को यह बात बताता है तब सब लोग जोड़ जोड़ से हसने लगते है | यह देखकर बसंत और क्रोधित हो गया | माँ ने बसंत को समझाया कि तुम्हारी बहु ने ठीक ही तो कहा है सिर्फ तुम बात का बेबात बना रहे हो और उसके कहने का मतलब तुम नहीं समझ नहीं पा रहे हो |
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