किस्मत की रोटी | Kismat Ki Roti
एक राजा था | वह अपने राज्य में ख़ुशी पूर्वक रहता था | राजा कि तीन पुत्रिया और एक पुत्र था | राजकाज बहुत ही अच्छा चल रहा था , चारो तरफ नौकर चाकर , हाथी , घोड़े और अस्त्र सस्त्र से भरा हुआ पड़ा था | राजा ने एक दिन अपने बच्चो से पूछा तुम किसके कर्म भाग्य से जीते हो ,तब सब से पहले उनके लड़के ने कहा पिता जी मै आपके कर्म भाग्य पर जीता हूँ | दोनों लडकियों ने भी इसी तरह का जबाब दिया पर सबसे छोटी लड़की ने कहा नहीं मै आपने किस्मत की रोटी खाती हूँ |
यह सुनकर राजा बहुत दुखी हुआ | राजा ने मंत्री को बुलाया और बोला इस लड़की को किसी गरीब के यहाँ शादी कर दो | मंत्री ने एक लकडहारे को पकड़ कर लाया और उसकी शादी करवा दिया | लकडहारा राजकुमारी को ले कर घने जंगल में चला गया | कुछ दिन बीतने के बाद लकडहारे को लकड़ी काटते समय एक चमकीला पत्थर मिला | उसने राजकुमारी को वह पत्थर दिखाया | राजकुमारी ने तुरंत पहचान लिया कि यह पत्थर नहीं हीरा है | उसने दुसरे राजा के पास उसे बेचने के लिए गया | वहाँ पर उस हिरा के बदले उसे राजमहल , नौकर-चाकर और राज्य का आधा हिस्सा दे दिया |
कुछ दिन के बाद राजा शिकार खेलने जंगल में गया | उसके बाद राजा घने जंगल में रास्ता भटक गया | उसके सैनिक भी पीछे छुट गए | अब राजा को चिंता होने लगी कि वह वापस घर कैसे जायेगा | बहुत देर तक चलने के बाद राजा ने एक महल देखा | उसने सोचा वहां जा कर कुछ मदद माँगनी चाहिए | जब वह पंहुचा तो उसने देखा कि वह महल बहुत विशाल और भव्य है |
जब उस महल की महारानी को राजा ने देखा तो आस्चर्य से उसकी ओर देखता रह गया क्युकी वह उसकी छोटी पुत्री थी जिसकी शादी राजा ने लकरहारे से कर दी थी | तब राजा को देखते ही महारानी तुरंत आई और पुरे सत्कार के साथ उसे अन्दर ले गयी और सब समाचार पूछा | तब महारानी ने सारी कहानी सुनाया कि कैसे वो लकरहारे से महारानी बन गयी | तब राजा को भी समझ आ गया कि सब किस्मत कि बात है |
इस तरह से किस्मत कि रोटी का करिश्मा सभी को याद करना चाहिए |
शिक्षा- किसी से इर्ष्या नहीं करना चाहिए ||
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